अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के एक गाँव के ६० से ज्यादा लोग एक बस हादसे में मारे गए। सबसे बड़ी बात ये की जिस बस में ये लोग सवार थे वो जिले के परिवहन दफ्तर में कंडम के रूप में दर्ज थी यानि इस बस को सड़क पर नही चलाया जा सकता था लेकिन वाह रे भ्रस्टाचार , जिसकी वजह से कई परिवार उजड़ गए , लोग बेमौत मारे गए। हो सकता है आपको लगे की ये बात काफी पुरानी है लेकिन साथियों बात इसकी नही है , बात है उस सिस्टम की जिसकी वजह से ये सब हुआ। जिस वक्त सड़क पर ये बस जल रही थी ,प्रदेश सरकार के कई मंत्री और अधिकारीगड़ आगरा में एक विवाह समारोह में शामिल होने जा रहे थे, और वो समारोह प्रदेश के उर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय के यहाँ था। सड़क पर लोग जल कर मरते रहे लेकिन किसी ने वहा रूककर उनको बचाने की कोशिश नही की। आख़िर आप ऐसा कैसे कर सकते है की आपके सामने कुछ लोग मर रहे हो और आप उनको देखने के बाद भी कुछ न करे । क्या यही है इंसानियत , जिसकी हम दुहाई देते रहते है । अपने लिए तो सभी जीते है ,मजा तो तब है की आप औरो के बारे में भी सोचो । सबसे ज्यादा तकलीफ तब होती है जब कुछ लोग इस पर राजनीती करने लगते है, जब हम किसी अपने को खो देते है तो कितनी तकलीफ होती है ,तो यार जब आप उस पर राजनीती करते हो तो उन परिवारों को कितनी तकलीफ होती होगी , इसके बारे में भी सोचना चाहिए....................
आज यही तक , तब तक के लिए जय राम जी की
अगर कुछ ग़लत लिखे हो तो उसके बारे में लिखियेगा ...........................